ब्लॉग पर पधारने का हार्दिक धन्यवाद। यदि आप "वैश्य समाज" का अंग हैं तो आज ही ब्लॉग पर समर्थक बनकर अपना योगदान दें और यदि आप कवि, साहित्यकार अथवा लेखक हैं तो ब्लॉग पर लेखन के माध्यम से समाज सेवा में सहभागी बनकर नई दिशा दें। "अखिल भारतीय वैश्य कवि संगम" में सम्मिलित होने पर हम आपका स्वागत करते हैं। हमारा ई-मेल samaj1111@gmail.com है।

बुधवार, 19 जून 2013

पत्नी का फोटो

एक दिन दफ्तर में
मेरी एक मात्र पत्नी का
बिना सूचना के आगमन हुआ
उसके चेहरे पर गुस्सा देख
मुझे
तूफान के पहले की
आंधी का आभास हुआ
अचानक
उसका हाव-भाव बदल गया
गुस्से से लाल चेहरा
फूल सा खिल गया
उसका
पाकिस्तान की तरह
इतनी जल्दी बदलाव
मेरी समझ में नहीं आया
जब मैंने इसका कारण पूछा
तो
मुस्कुराकर बोली
हे मेरे प्राणनाथ
मैं आपको कितना गलत समझती थी
आपकी टेबिल पर
सुन्दर फ्रेम में जड़ी हुई अपनी फोटो देखकर
मुझे आज पता चला
आप यूँ ही आहें नहीं भरते हैं
मुझसे कितना प्यार करते हैं 
पति बोला
यह तुम्हारा भ्रम है
टेबिल पर तुम्हारी
फोटो लगाने का तो दूसरा ही कारण है
तुम तो जानती हो कि
मैं जनसम्पर्क अधिकारी हूँ
प्रतिदिन
अच्छे और बुरे लोगों से
मेरा पाला पड़ता है
किसी-किसी दिन तो
लड़ना भी पड़ता है
तब किसी काम में नहीं लगता है मन
इसलिए हो जाती है टेंशन
तुम्हारी
फोटो पास रहेगी तो
यह आभास होगा
क्या
तुमसे भी बड़ा कोई टेंशन होगा
इस तरह
टेंशन की समस्या सुलझ जायेगी
और
मेरी नौकरी आराम से कट जायेगी।