अखिल भारतीय वैश्य कवि संगम
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गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011
आखिरी निवाला
माँ
माँ होती है
पुत्र
पुत्र होता है
माँ के हाथ से
पहले निवाले में ही
पुत्र का पेट भर जाता है
और
माँ है कि मानती ही नहीं है
क्योंकि
उसका हर निवाला
आखिरी निवाला होता है।
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