नेता
अमानवीय कृत्यों की
पराकाष्ठा हो तुम
तुम्हारा
छल-छद्म देखकर
भेडियों ने आत्महत्या कर ली
तुम
बोलते नहीं
आग उगलते हो
तुम्हारा
मौन रहकर मंथन करना
निश्चित
विनाश का संकेत है
तुम्हारा
कौवे सा सयानापन
सबूत है
तुम्हारे काने होने का
बेवकूफ हैं वे
जो
करते हैं वर्ष भर इंतजार
नाग-पंचमी पर दूध पिलाने का
इसके अलावा भी
तीन सौ चौंसठ दिनों का
विकल्प है उनके पास
सच तो यह है
कि आज
गलतफहमी में जीता है समाज
क्योंकि
जो शांति के उपासक घोषित हैं
वे ही
इस सदी के हत्यारे हैं।
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