(वैश्य समाज के कवि और लेखकों के लिए खुला मंच)
होली पर हमें
उनका व्यवहार
बहुत भाता है
क्योंकि
हमारा खर्चा बच जाता है
और
रंग डालने के पहले ही
उनका चेहरा
गुस्से से लाल हो जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें