(वैश्य समाज के कवि और लेखकों के लिए खुला मंच)
जब भी
होली का दिन आता है
वह भिखारी
बडा खुश हो जाता है
क्योंकि
उसी दिन तो वह
फटे-पुराने कपडे पहनकर
समाज में
गले मिल पाता है।
सुन्दर प्रस्तुति |होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
THE TRUTH
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जवाब देंहटाएंहोली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
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